पुणे की इस कंपनी 'किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (केबीएल)' की पानी निकालने में विशेषज्ञता है. भारतीय दूतावास ने थाईलैंड प्रशासन को इस कंपनी
की मदद लेने की सलाह दी थी.इस कंपनी ने भारत, थाईलैंड और ब्रिटेन के अपने कार्यालय से इस अभियान के लिए टीम भेजी थी.
बच्चे
23 जून को जिस गुफ़ा में फंसे थे वहां बारिश के कारण काफी पानी भर गया था.
उन बच्चों को निकालने के लिए गुफ़ा से पानी निकाला गया. इस काम में कंपनी
ने बचाव टीम की मदद की.केबीएल की एक प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि उनके विशेषज्ञ 5 जुलाई से बचाव दल को अपनी सेवाएं दे रहे थे.
इसके लिए भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों ने अपना एक एजेंट तैयार किया था जिस
हमले के लिए आईएस को नकली हथियार उपलब्ध कराने थे और भारत में उनकी मदद
करनी थी.इस तरह खुफ़िया एजेंसियां आईएस की योजना का पता करने में सफ़ल हो पाईं.
अख़बार का कहना है कि इस मामले में गिरफ़्तारी पिछले साल सितंबर में हुई थी लेकिन शीर्ष राजनयिकों ने अब इसकी पुष्टि की है. भारत में अभी सबसे ज्यादा युवा आबादी है. यहां दो तिहाई आबादी 35 साल से कम की है और 50 प्रतिशत लोग 25 साल से भी कम के हैं.इसमें
ये भी बताया गया है कि दुनियाभर में आबादी बढ़ाने और घटाने के लिए
क्या-क्या उपाय अपनाए गए हैं. कहीं पर एक से ज्यादा बच्चे पर जुर्माना
लगाने का नियम है तो कहीं चौथे बच्चा होने पर 10 लाख रुपये इनाम रखा गया
है.
नई दुनिया की ख़बर
के मुताबिक मंदसौर में बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में मंगलवार को पुलिस
ने 350 पेज का चालान पोक्सो एक्ट के तहत विशेष कोर्ट में पेश किया.बच्ची
ने इसमें अपनी आपबीती सुनाई है. उसने बयान ले रहे दो अधिकारियों को बताया,
''मैं चीखती रही, चिल्लाती रही, बार-बार अंकल से कहा कि मुझे छोड़ दो,
किसी ने नहीं सुनी... उन्हें मेरा गला काटने की भी कोशिश की.''
मंदसौर में ये अभी तक किसी भी घटना के बाद सबसे जल्दी पेश होने वाला चालान है.लोगों के गुस्से चलते इस मामले में जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अभियुक्तों की पेशी कराई गई.